आइए जानते हैं टैक्स बचाने के 8 तरीके

टैक्स बचाने के लिए हम निवेश तो करते ही हैं लेकिन अगर आप 30 फीसदी टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं, निवेश के अलावा टैक्स बचाने के 8 तरीके।

1) अगर आपकी सैलरी में फूड एंड गिफ्ट कूपन भी शामिल है, तो ये आपको हम बता दें कि इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है। अगर आपको 2,600 रुपये के आस पास का कूपन हर महीने मिलता है तो आपकी सालाना 9,640 रुपये की बचत होती है।

2) अखबार तो आपके घर आता ही होगा और टेलीफोन बिल भी। अगर आपकी कंपनी इन भत्तों को आपके पैकेज में शामिल करती है और लिमिट है 5000 रुपये प्रति महीने की तो टैक्स बचत होगी 18,540 रुपये सालाना, क्योंकि इन भत्तों पर आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है।

3) अगर आप घर खरीदने के लिए होम लोन लेते हैं तो आप जो ब्याज देते हैं उस पर तो आप टैक्स छूट पाते ही हैं लेकिन अगर आपने वो घर रेंट पर दे दिया तो रेंटल इनकम के 70 फीसदी पर ही आपको टैक्स भरना होगा बाकी 30 फीसदी पर नहीं, तो यहां भी आपकी अच्छी खासी बचत हो जाएगी।

4) एक काम और कीजिए, गाड़ी खरीदने के बजाए कंपनी से कहिए गाड़ी लीज पर दे और वो भत्तों में जोड़ दे। हालांकि किराए की कार करयुक्त भत्ते में शामिल होती है लेकिन जिस रकम पर टैक्स लगता है, वो रकम बहुत छोटी है यानि 2,000-2,500 रुपये। लेकिन इससे आप करीब 2.5 लाख रुपये तक बचा सकते हैं।
 
5) इसी तरह ड्राइवर खुद रखने के बजाए कंपनी से कहें की इसका इंतजाम करे। मान लीजिए हर महीने आप 10,000 रुपये का बिल लगा रहे हैं, तो सालाना रकम हो गई 1.20 लाख रुपये। ऑफिस के दिए इस भत्ते से आप 33,750 रुपये सालाना बचा सकते हैं।

6)  आप अपनी टैक्सेबल इनकम कम करना चाहते हैं तो कंपनी से कहें कि वो आपके लिए न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) में निवेश करें। आपकी बेसिक सैलरी के 10 फीसदी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा अगर वो एनपीएस में निवेश किया जाता है। अगर 40,000 रुपये सैलरी है, और 4000 रुपये एनपीएस में जा रहा है तो आप 14,832 रुपये बचाते हैं।

7) अगर कंपनी ने आपको प्रोफेशनल या फिर पर्सनल यूज के लिए लैपटॉप दिया है तो उसकी कुल कीमत के 10 फीसदी पर ही टैक्स लगता है। मान लीजिए लैपटॉप की कीमत 60,000 रुपये है, तो 6,000 रुपये पर टैक्स लगेगा।

8) अपनी कंपनी से कहिए कि वो कोई आपके पार्ट टाइम या शॉर्ट टर्म प्रोफेशनल कोर्स को फंड कर दें, जितनी फी होगी उसके 10 फीसदी पर ही टैक्स लगेगा। मान लीजिए कि कोर्स के लिए 80,000 रुपये दिए गए लेकिन टैक्सेबल रकम 8,000 रुपये होगी। यहां आप 22,250 रुपये टैक्स के तौर पर बचा सकते हैं।